क्या आपको भी पूजा करते समय आँखों में आंशु आते है ?

क्या आपको भी पूजा करते समय आँखों में आंशु आते है ?

 

क्या आपको भी पूजा करते समय आँखों में आंशु  आते है ?

क्या आपको भी पूजा करते समय आँखों में आंशु आते है ?

नमस्कार

अगर आपके भी साथ भी ऐसा होता है तो आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़े.

आज हम आपको बताएँगे कि आखिर ऐसा क्यों होता है, ऐसी कौन सी वो अज्ञात अलौकिक शक्तियां है जिसकी कृपा आप पर बनी हुई है.

पूजा करते समय आँखों में आंसू आना, नींद आना, या फिर उबासी आने का क्या अर्थ होता है. दरसल हमारे शरीर में दो तरह कि उर्जा होती है. 

1. सकारात्मक उर्जा 2. नकारात्मक उर्जा.

सकारात्मक उर्जा हमें हमेशा ही अच्छा सोचने और अच्छा करने कि प्रेरणा देती है. वही नकारात्मक उर्जा हमारी सोच और समझ पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है.

पञ्च तत्वों से बना हमारा ये शरीर नकारात्मक और सकारात्मक शक्तियों के वस में होता है. हमारे आस पास के वातावरण में भी ये दोनों अच्छी और बुरी उर्जा होती है. कई बार हमारे शरीर पर नकारात्मक उर्जा हावी हो जाती है. और हमारे मन मस्तिस्क पर भी उनका अधिकार हो जाता है. और हमारे शरीर से नकारात्मक उर्जा निकलती है. इसलिए ये नकारात्मक या बुरी शक्तिया हमें इश्वर के पास जाने से रोकती है. इश्वर का नाम स्मरण करने से या इश्वर कि भक्ति करने से भी हमें रोकती है. या इस कार्य में बाधा निर्माण करती है. हम किसी तरह पूजा पाठ में शामिल हो भी जाते है तो ये नकारात्मक शकितियाँ हमारे मन को विचलित करती करती है. हमारे मन में भ्रम निर्माण करती है. विचित्र विचार मन में प्रकट करती है, जिस कारण से हमारा ध्यान टूट जाता है. हम अशांत हो जाते है. और हम इश्वर से जुड़ नही पाते है. 

लेकिन जब सकारात्मक उर्जा आपके शरीर के अन्दर स्थित होती है तो आप इश्वर से जुड़ जाते है. जब आप पूजा करने बैठते है अथवा इश्वर का ध्यान करने बैठ जाते है तो आपकी आत्मा का कनेक्शन इश्वर के साथ होता है. इश्वर सर्वव्यापी है समस्त सजीब और निर्जिब वस्तु में उनका ही वास है, इसी कारण जब भी पूजा पाठ करते समय आपके साथ कुछ विचित्र घटनाएं घटती है तो इसका अर्थ ये है कि इश्वर आपको कुछ संकेत देने कि कोशिश कर रहे है. कई लोग इसे मात्रा संयोग समझ कर नज़रन्दाज कर देते है. लेकिन ऐसा करने से अच्छा है कि आप उन संकेतों को समझे, आखिर ऐसा क्यों होता है. 

जब भी हम किसी मंदिर में प्रवेश करते है, तो मन प्रसन्न हो जाता है, दुःख और निरासा भी अचानक समाप्त हो जाती है. और इंशान फ्रेश महसूस करता है. ऐसा इसीलिए क्योंकि मंदिर के वातावरण में सकारात्मक शक्तियाँ होती है. जिनके प्रभाव में आने से व्यक्ति का मन शांति और सुख का अनुभव करता है. कई बार विद्यार्थियीं को माँ सरस्वती का ध्यान करते समय आँखों में अंशु आ जाते है, या अचानक नींद आने लगती है, साथ ही देवी देवताओ कि कथा सुनते वक्त भी अचानक रोम-रोम खरा हो जाता है या आँखों से अंशु भी आने लगते है, कभी कभी हमें इश्वर कि उस अनंत शक्ति का एहसास हो जाता है तो हमारे रोंगटे खरे हो जाते है और इश्वर पर हमारा विस्वास और भी दृढ हो जाता है.



दोस्तों क्या आपको भी पूजा करता समय ऐसे संकेत मिलते है, तो आइये आपको बताते है कि इन संकेतों का क्या अर्थ होता है ?

लक्षण-

1.   आँखों से आशु आना – अगर पूजा एवं आराधना करते समय अचानक से आँखों से आंसू आते है तो ये इश्वर का संकेत है कि आपकी आत्मा और इश्वरिये शक्ति का मिलन हो चूका है. ऐसे में आपको इश्वर के सामने अपनी मन कि इच्छा एवं मन कि मनोकामना प्रकट करनी चाहिए. ऐसे समय पर प्रार्थना करने से उसका फल मिलता है. कई लोग इसे मात्र एक संयोग समझ कर भूल जाते है और ध्यान मग्न रहते है, परन्तु ये ही सर्वोतम्म समय होता है इश्वर से कुछ मांगने का क्योंकि इस समय पर आप उस अवस्था में पहुच जाते है जहा इश्वर आपके मन कि बात सुन रहे होते है. इसीलिए जब भी पूजा करते समय आपकी आँखों से आशु आने लगे तो इश्वर से अपने कष्ट निवारण कि प्रार्थना जरुर करे. आपकी मनोकामना अवस्य पूर्ण होगी. साथ ही इसका यह भी कारण माना जाता है कि आपके अंतर मन कि बुराई कि सफाई हो रही है. और आपका अंत कारन सुध हो रहा है.

 

2. धुप बत्ती का धुआ – यदि आप पूजा करते हुए ये देखते है कि आपके द्वारा लगायी गई अगरबत्ती एवं धुप बत्ती का धुआ आपके ईस्ट देव कि प्रतिमा कि ओर जा रहा है तो इसका अर्थ ये है कि आपकी पूजा को इश्वर ने स्वीकार कर लिया है. और आपके ईस्ट देव आपकी भक्ति से प्रसन्न है.


 

3. जलाई हुई जोत बढ़ जाए- दोस्तों अग्नि पंचतत्वो में से एक है इसमे भगवन भोलेनाथ का वास है. अगर आप पूजा कर रहे है और आपके सामने राखी हुई दीपक या आरती कि जोत बढ़ जाए तो यह एक इश्वर का संकेत है कि वे आपकी पूजा और सच्ची भक्ति से प्रसन्न है. ऐसे समय पर हमें इश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए और हमे अपनी मनोकामना बतानी चाहिए.

 

3. द्वार पर गाये का आना – भगवन शिव और श्री कृष्णा कि आरती एवं पूजा के समय अगर द्वार पर गाये आती है तो ये बात भी शुभ संकेत मन गया है. द्वार पर आये गाये कि पूजा करे उसे रोटी खिलाये और नमस्कार करके अपनी मनोकामना गो माता के सामने रखे. आपकी इच्छा अवश्य  पूरी होगी. प्राचीन ग्रंथो में गाये को मनोकामना को पूर्ण करने वाली कामधेनु माना गया है. भगवन ने उसे आपके सहायता के लिए ही द्वार पर भेजा है.


 

4. फूल का गिरना – अगर आपने पूजा एवं धयान से पहले फूल इश्वर कि प्रतिमा पर चढाई है और फिर ध्यान एवं पूजा करते समय अगर वह फूल आपकी ओर गिरता है, तो ये बड़ा ही शुभ मन जाता है. इसका अर्थ ये है कि आपकी आराधना को इश्वर ने स्वीकार किया है और वे उसका उचित फल तुरंत ही प्रदान करेंगे.

 दोस्तों ऐसे संकेत केवल उन्ही लोगो को मिलते है जो मन के साफ़ होते है, जिनके मन में कपट नही होता है, जिनके अन्दर दया और करुना होती है. जो कभी दुसरो को कष्ट नही देते है, जो अच्छे कर्म करने वाले और इश्वर पर आस्था रखने वाले होते है. भगवन उनकी पुकार को जरुर सुनते है. 

इसीलिए दोस्तों आप हमेसा ही अच्छे कर्म कीजिये. कभी दुसरो को मत सताना और कभी अपने पैसे पर घमंड मत करना क्योंकि भगवन सब कुछ देख रहे है. उन्हें सब पता है. वे अपने भक्तो कि हर प्रकार से परीक्षा लेते है और समय समय पर उन्हें सही राह भी दिखाते है. इसीलिए आप भगवन के द्वारा मिलने वाले संकेतों को नज़रन्दाज ना करे. उम्मीद है आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी.

धन्यवाद्.     

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